Ads Area

यज्ञ प्रार्थना - यज्ञदेव प्रभो हमारे भाव उज्जवल कीजिए लिरिक्स (Yagya Prarthana - Yagyadeva Prabho Hamare Bhav Ujjwal Kijiye Lyrics)

हमारे हिन्दू सनातन धर्म में हम सभी अक्सर अपने-अपने घरों में यज्ञ अथवा हवन इत्यादि अनुष्ठान का भव्य आयोजन कराते हैं और तब हम यज्ञदेव भगवान की प्रार्थना भी करते हैं।

तो आज हम लेकर आए हैं- यज्ञदेव भगवान की प्रार्थना, सिर्फ आपके लिए, अभी पढ़ें और दूसरों को भी शेयर करें।

यदि आप सम्पूर्ण यज्ञ पद्धति हमारी वेबसाइट पर प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं।

यज्ञ प्रार्थना - यज्ञदेव प्रभो हमारे भाव उज्जवल कीजिए (Yagya Prarthana - Yagyadeva Prabho Hamare Bhav Ujjwal Kijiye)
यज्ञ प्रार्थना - यज्ञदेव प्रभो हमारे भाव उज्जवल कीजिए

यज्ञदेव प्रभो हमारे, भाव उज्जवल कीजिये ।
छोड़ देवें छल कपट को, मानसिक बल दीजिये ॥ १॥

वेद की बोलें ऋचाएं, सत्य को धारण करें ।
हर्ष में हो मग्न सारे, शोक-सागर से तरें ॥ २॥

अश्व्मेधादिक रचायें, यज्ञ पर-उपकार को ।
धर्मं- मर्यादा चलाकर, लाभ दें संसार को ॥ ३॥

नित्य श्रद्धा-भक्ति से, यज्ञादि हम करते रहें ।
रोग-पीड़ित विश्व के, संताप सब हरतें रहें ॥ ४॥

भावना मिट जाये मन से, पाप अत्याचार की ।
कामनाएं पूर्ण होवें, यज्ञ से नर-नारि की ॥ ५॥

लाभकारी हो हवन, हर जीवधारी के लिए ।
वायु जल सर्वत्र हों, शुभ गंध को धारण किये ॥ ६॥

स्वार्थ-भाव मिटे हमारा, प्रेम-पथ विस्तार हो ।
'इदं न मम' का सार्थक, प्रत्येक में व्यवहार हो ॥ ७॥

प्रेमरस में मग्न होकर, वंदना हम कर रहे ।
'नाथ' करुणारूप ! करुणा, आपकी सब पर रहे ॥ ८॥


यदि आपको हमारी यह पोस्ट पसन्द आई हो, तो कमेंट करके बताएं, ताकि हम ऐसी ही और भी पोस्ट आपके लिए लेकर आते रहें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad

Below Post Ad

Ads Area