हमारे हिन्दू सनातन धर्म में हम सभी अक्सर अपने-अपने घरों में यज्ञ अथवा हवन इत्यादि अनुष्ठान का भव्य आयोजन कराते हैं और तब हम यज्ञदेव भगवान की प्रार्थना भी करते हैं।
तो आज हम लेकर आए हैं- यज्ञदेव भगवान की प्रार्थना, सिर्फ आपके लिए, अभी पढ़ें और दूसरों को भी शेयर करें।
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यज्ञ प्रार्थना - यज्ञदेव प्रभो हमारे भाव उज्जवल कीजिए |
यज्ञदेव प्रभो हमारे, भाव उज्जवल कीजिये ।
छोड़ देवें छल कपट को, मानसिक बल दीजिये ॥ १॥
वेद की बोलें ऋचाएं, सत्य को धारण करें ।
हर्ष में हो मग्न सारे, शोक-सागर से तरें ॥ २॥
अश्व्मेधादिक रचायें, यज्ञ पर-उपकार को ।
धर्मं- मर्यादा चलाकर, लाभ दें संसार को ॥ ३॥
नित्य श्रद्धा-भक्ति से, यज्ञादि हम करते रहें ।
रोग-पीड़ित विश्व के, संताप सब हरतें रहें ॥ ४॥
भावना मिट जाये मन से, पाप अत्याचार की ।
कामनाएं पूर्ण होवें, यज्ञ से नर-नारि की ॥ ५॥
लाभकारी हो हवन, हर जीवधारी के लिए ।
वायु जल सर्वत्र हों, शुभ गंध को धारण किये ॥ ६॥
स्वार्थ-भाव मिटे हमारा, प्रेम-पथ विस्तार हो ।
'इदं न मम' का सार्थक, प्रत्येक में व्यवहार हो ॥ ७॥
प्रेमरस में मग्न होकर, वंदना हम कर रहे ।
'नाथ' करुणारूप ! करुणा, आपकी सब पर रहे ॥ ८॥
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