Kemdrum Yog Kya Hai - Bachane Ke Upay |
अक्सर नौसिखिए ज्योतिषी किसी जन्मकुंडली में चंद्र से दूसरे और बारहवें घर में कोई भी ग्रह ना हो तो जातक को केमद्रुम योग कहकर डरा देते है।
केमद्रुम योग के बारे में वे बताते है कि- ऐसे जातक को पूरी जिंदगी मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ता है। वह परिवार से अलग हो जाता है। उसके जीवन से स्त्री, घर, वस्त्र छूट जाते हैं। इनकी आय के साधन छिन जाते हैं। उसको अभाव से पूरा ग्रस्त जीवन व्यतीत करना पड़ता है। जबकि ऐसा बिल्कुल भी सत्य नहीं होता है।
ये योग कई प्रकार से भंग भी हो रहा होता है और जातक को बहुत आत्मविश्वासी, बुद्धिमान, ज्ञानी, धनवान भी बना देता है। खूब मान सम्मान, सुख समृद्धि देता है।
ये केमद्रुम योग निम्न कई प्रकार से राजयोग में भी परिवर्तित हो जा जाता है।
जैसे-
1. चंद्र अपनी राशि, मित्र राशि या उच्च राशि में हो।
2. चंद्र लग्न से केंद्र में हो।
3. चंद्र से केंद्र में शुभ ग्रह बैठे हो।
4. चंद्र अंश बल में मजबूत हो।
5. शुभ घर का स्वामी हो और शुभ घर में बैठा हो।
6. चंद्र पर शुभ ग्रह और मित्र ग्रह गुरू, सूर्य, मंगल की दृष्टि पड़ रही है।
7. शुक्ल पक्ष में रात्रि का या कृष्ण पक्ष में दिन का जन्म हो।
8. 27 योगो में से ये 9 अशुभ योग ना हो। विष्कुम्भ, अतिगण्ड, शूल, गण्ड, व्याघात, वज्र, व्यतिपात, परिध और वैधृति।
9. गंड मूल नक्षत्रों में जन्म ना हो।
10.कालसर्प दोष ना बन रहा है।
11. चंद्र जिस राशि व नक्षत्र में बैठा हो उसका स्वामी बलशाली हो। केंद्र त्रिकोण में बैठा हो।
12. चंद्र गुरू की युति हो या चंद्र से केंद्र में गुरू हो तो ये एक शक्तिशाली गजकेसरी राजयोग भी बना देता है।
13. लग्नेश, सूर्य, गुरू बलशाली हो तब भी केमद्रुम दोष भंग हो जाता है।
1. चंद्र अपनी राशि, मित्र राशि या उच्च राशि में हो।
2. चंद्र लग्न से केंद्र में हो।
3. चंद्र से केंद्र में शुभ ग्रह बैठे हो।
4. चंद्र अंश बल में मजबूत हो।
5. शुभ घर का स्वामी हो और शुभ घर में बैठा हो।
6. चंद्र पर शुभ ग्रह और मित्र ग्रह गुरू, सूर्य, मंगल की दृष्टि पड़ रही है।
7. शुक्ल पक्ष में रात्रि का या कृष्ण पक्ष में दिन का जन्म हो।
8. 27 योगो में से ये 9 अशुभ योग ना हो। विष्कुम्भ, अतिगण्ड, शूल, गण्ड, व्याघात, वज्र, व्यतिपात, परिध और वैधृति।
9. गंड मूल नक्षत्रों में जन्म ना हो।
10.कालसर्प दोष ना बन रहा है।
11. चंद्र जिस राशि व नक्षत्र में बैठा हो उसका स्वामी बलशाली हो। केंद्र त्रिकोण में बैठा हो।
12. चंद्र गुरू की युति हो या चंद्र से केंद्र में गुरू हो तो ये एक शक्तिशाली गजकेसरी राजयोग भी बना देता है।
13. लग्नेश, सूर्य, गुरू बलशाली हो तब भी केमद्रुम दोष भंग हो जाता है।
यदि इनमें से अधिकतर शुभ योग बन रहे हो तो अकेला चंद्रमा बहुत अच्छा फल देता है। जातक का मन मस्तिष्क
बहुत बलशाली होता है। वह जीवन में बहुत उच्च कार्य, मान सम्मान, सुख समृद्धि प्राप्त करता है।
यदि इनमें से अधिकतर अशुभ योग बन रहे हों तो चंद्र निश्चित रूप से अपना अशुभ फल देगा।
केमद्रुम योग से बचने के उपाय-
- नित्य प्रातः माता के चरण स्पर्श करें।
- अगर माँ न हों तो माता समान स्त्री के चरण स्पर्श करें।
- सोमवार को दूध , चावल या चीनी का दान करें।
- शरीर पर चाँदी जरूर धारण करें।
- नित्य सायं "ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः" का जाप करें।
- हर महीने में एक बार शिवलिंग पर सफेद चंदन लगाएं और जल चढ़ाएं।
- शिव जी की भक्ति से केमद्रुम योग निश्चित भंग हो जाता है!
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